देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। इस बीच पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस केस के मास्टरमाइंड खालिद मलिक गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी हरिद्वार से हुई, जिसकी पुष्टि देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने की।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि जिस परीक्षा केंद्र में खालिद परीक्षा दे रहा था, वहां कमरा नंबर 9 में जैमर ही नहीं लगा था। इसी कमरे से खालिद ने पेपर लीक कर अपनी बहन को भेजा। अब SIT इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों से पूछताछ जारी है।
खालिद मलिक गिरफ्तार: हरिद्वार से दबोचा मास्टरमाइंड
देहरादून पुलिस और हरिद्वार एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल की टीम ने खालिद मलिक को दबोच लिया। उसके मोबाइल से पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। पुलिस का दावा है कि खालिद मलिक गिरफ्तार होने के बाद पेपर लीक की बड़ी गुत्थियां सुलझेंगी। अब पुलिस उसे पूछताछ के लिए देहरादून ला रही है।
परीक्षा केंद्र से निकला पेपर, बहन और प्रोफेसर पर भी कार्रवाई
जांच में सामने आया कि खालिद मलिक ने प्रश्न पत्र के तीन पेज अपनी बहन साबिया को भेजे। साबिया ने इन्हें प्रोफेसर सुमन चौहान को भेजा। सुमन ने पेपर हल कर वापस जवाब भेजे। एसपी देहात जया बलूनी ने बताया कि साबिया को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं खालिद की एक और बहन हीना और प्रोफेसर सुमन पुलिस हिरासत में हैं।
क्यों नहीं था जैमर? जांच में बड़ा खुलासा
SIT जांच में यह भी सामने आया कि परीक्षा केंद्र में कुल 18 कमरे थे, जिनमें सिर्फ 15 में जैमर लगे थे। कमरा नंबर 9, 17 और 18 जैमर से खाली थे। संयोग से खालिद मलिक कमरा नंबर 9 में बैठा था और वहीं से उसने डिवाइस का इस्तेमाल कर पेपर लीक किया। अब पुलिस जैमर टीम और परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
पेपर लीक मामला: युवाओं का गुस्सा चरम पर
पेपर लीक मामला सामने आने के बाद प्रदेश भर के युवाओं में गुस्सा है। बेरोजगार संघ और परीक्षार्थी लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक युवाओं का विश्वास भर्ती परीक्षाओं में बहाल नहीं होगा।